दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
माँ री माँ मुझे मूरत ला दे, शिव शंकर की मूरत ला दे,
दानिन shiv chalisa lyricsl महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
दर्शन देकर, धन्य करो अब, हे त्रिनेत्र महेश्वर
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
तुरत षडानन आप shiv chalisa in hindi पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
मैना मातु की हवे दुलारी। shiv chalisa lyricsl बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥